Rajani katare

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करिया मोड़ी भाग ---- 7

                   "करिया मौड़ी" भाग-7

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आज पहला दिन है श्री काॅलेज का...सो सिम्पल ही तैयार होकर जाओ...को एजुकेशन है....ध्यान से रहना....सुमी और कृति के साथ ही रहना...... काॅलेजों में आज कल रैकिंग बहुत होती है...सो डर लगना भी स्वाभाविक है....

अब आगे:--
श्री की सहेलियां आ जाती हैं...तैयार होकर कॅलेज जाने के लिए.... आंटी श्री को बुला दीजिए...तैयार हो गयी श्री....श्री..ऐ...श्री...ये सुमी कृति आ गयीं हैं क्या कर रही है...? आ रही हूँ न...टायलेट में थी... जल्दी चल यार...
ये टिफ़िन रख बेटा... कितनी देर लगेगी क्या पता.....?

ऐ तुम लोगों ने भी रखा है टिफ़िन!! हाँ यार... मम्मी
मानती क्या...? टिफ़िन लिए बिना तो आने ही न देतीं...
ये मम्मी लोग भी न......चल ज्यादा चपड़ चपड़ मत कर....मम्मी लोगों को न फ़िकर रहती है हमारी समझी न.....ये ले बातों ही बातों में काॅलेज भी आ गया.....
ऐ सुमि मुझे तो घबराहट हो रही है...डर भी लग रहा
है....देखा जायेगा रे श्री क्यों कृति तेरे को भी हो रही 
है घबराहट...हाँ थोड़ा डर तो लग रहा है.....
चल देखते हैं.........

सुन अपन सब साथ ही रहेंगे... बिल्कुल इधर उधर नहीं होना.... काॅलेज के पास आते ही...बाहर से ही इधर उधर ग्रुप में लड़कियां लड़के खड़े हैं....
तीनों मेन गेट के अंदर चली जाती हैं.....
बाल बाल बच गये रे...वहाँ सामने तो देख....
वो लड़के इधर ही देख रहें हैं... चुपचाप चलती रह
देखी जायेगी......ऐ मेडम सीधी कहाँ निकली जा रही
हो...पहले जरा हमसे रुबरु तो हो लो.....जगह कर यार इतनी खूबसूरत.....बिठाना तो.... पड़ेगा ही न.....बैठिए मोहतरमा जी.....आप भी बैठिए....ओ हो नज़र न लगे चश्मेबद्दूर...अये हये क्या अदा है आपकी...अब नाम भी बता दीजिए...भाग्यश्री....बड़ा प्यारा नाम है भाई आपका तो...भाग्य से ही तो आप हमें मिल गयीं...अब हम आपका पीछा नहीं छोड़ने वाले....अरे हाँ अब आप भी फ़टाफ़ट अपना नाम बता दें....मेरा नाम सुमी और ये कृति....मैने आपसे.... इनका नाम तो नहीं पूछा....आप खुद बताईये अपना नाम....हमारे कान जरा कच्चे हैं....सुन नहीं पड़ा जी मेरा नाम कृति है...अरे भई नज़रे तो ऊपर करिये...
खा थोड़ी जाऊँगा आपको......चलिए आप लोगों का तो परिचय हो गया....अब जरा हम भी अपना.... परिचय दे ही दें आपको...हाँ तो हमारा नाम....पहले तो हम हैं शिव जी के बड़े भक्त सो हमारा नाम है रुद्र कटारे ये है.... रुकिए...क्यों भई....क्या है हमने आपसे तो पूछा नहीं....
इनका नाम उन्हीं को बताने दीजिए......
ये मारा गजब भाई....नहले पर दहला.........

हाँ तो मिस्टर आप बतायें अपना नाम.....
मेरा नाम शिवाय है...मेरा ओम...मेरा नाम नमन है
सो आप सभी को मेरा नमन......
हाँ तो अब पहले मिस श्री आपकी बारी है.....
हम आपसे ही रैंकिंग शुरू करेंगे.....अब आप दोनों
थोड़ा सरक जाईये....हम लोगों को जाने दीजिए
प्लीज़....अरे ऐसे कैसे जाने देंगे मोहतरमा.....
हमारी इज्जत का फ़लूदा न बन जायेगा....
वो देखो आगे....वो सब भी बैठे हैं....
रैंकिंग से बच तो न पायेंगी आप सब.....
खैर चलिए अब शुरु करते हैं तो आप श्री....
हमें सुनाने वाली हैं.... एक बढ़िया सा गाना.....
तो सुनाईये प्लीज़...न नुकुर तो चलेगी नहीं तो.....
सुनाना तो पड़ेगा आपको प्लीज़.....
"सुहाना सफ़र और ये मौसम हंसी,
हमें डर है हम खो न जायें कहीं,
सुहाना सफ़र और ये मौसम हंसी,
हमें डर है हम"........
न न न मोहतरमा कैसे खो जायेंगी आप.....
हम हैं न आपके साथ......

चलिए अब आपका नम्बर आ गया.....
कृति जी अब आप सरकेगीं जरा सा.......
हाँ तो सुमी जी शुरु हो जाईये आप से भी हम
गाना ही सुनना चाहेंगे......
"नारी जीवन झूले की तरह,
इस पार कभी उस पार कभी,
नारी जीवन झूले की तरह,
इस पार कभी"......
बस बस मोहतरमा जी बहुत खूब.... 
हमारी निगरानी में रहेंगी आप....

हाँ जी अब तो नज़रे ऊपर करिए....
आप की बारी है अब...गाना तो पड़ेगा....
हाँ इतनी छूट है...आप जो भी गाना चाहें.....
"दर्शन दो घनश्याम,नाथ मोरी अंखियाँ प्यासी रे....
दर्शन दो घनश्याम,नाथ मोरी"......
आप को ऐसे नहीं छोड़ेंगे,एक अंतरा तो सुना
ही दीजिए... बहुत सुंदर.....
दर्शन दो घनश्याम......
मंदिर मस्जिद मूरत तेरी,कबहूं न देखी सूरत तेरी,
मधुरम बैला आई मिलन की पूरनमासी रे....
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी......
वा वा वाह क्या बात है आपकी........
सुमधुर आवाज... कोकिला कंठी.........
हमारे कालेज में भी एक मिस कोकिला कंठी हैं.....
इतनी सुंदर....सुरीली आवाज......
आप सब ने बहुत ही सुंदर गाया है पर रैंकिग का
भी तो कुछ उसूल है भाई......
अब आप लोगों को कुछ तो हरजाना भुगतना ही
पड़ेगा न....रुल तो भई रुल है......
क्रमशः--

    कहानीकार-रजनी कटारे
         जबलपुर (म.प्र.)

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